लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर उत्तरप्रदेश में अब राष्ट्रीय परिवारिक लाभ योजना को और पारदर्शी, तेज और जनता के अनुकूल बना दिया गया है। पहले जहां लाभार्थी परिवारों को सहायता पाने के लिए महीनों सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ते थे, अब उन्हें घर बैठे तय समय सीमा के भीतर 30,000 रुपये की आर्थिक सहायता मिल सकेगी। राज्य सरकार ने अब इस योजना की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन कर दी है, जिससे आवेदन से लेकर भुगतान तक सभी चरणों में जवाबदेही तय हो गई है। पात्र परिवारों को अब आवेदन की तारीख से 75 दिनों के भीतर सहायता राशि मिल जाएगी। अगर किसी कारण से भुगतान में देरी होती है, तो अब फाइलें प्रदेश स्तर पर नहीं भेजी जाएंगी, बल्कि जिला स्तर पर ही समिति की मंजूरी लेकर तुरंत भुगतान कर दिया जाएगा।
वहीं जिला समाज कल्याण अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी दी गई है कि किसी लाभार्थी को पहले से यह सहायता न मिली हो। वे सत्यापन के बाद पात्र आवेदकों की अंतिम सूची तैयार कर 07 दिनों के भीतर जिला स्वीकृति समिति को भेजेंगे। इसके बाद डिजिटल सिग्नेचर के जरिए सूची पोर्टल पर अपलोड होगी और पीएफएमएस के माध्यम से सीधे लाभार्थी के आधार-लिंक्ड बैंक खाते में राशि ट्रांसफर की जाएगी।
गौरतलब है कि राष्ट्रीय परिवारिक लाभ योजना के तहत ऐसे परिवारों को मदद दी जाती है, जिनके कमाऊ मुखिया (18 से 60 वर्ष की उम्र) की मृत्यु हो जाती है, और जिनकी वार्षिक आय शहरी क्षेत्र में 56,460 रुपये व ग्रामीण क्षेत्र में 46,080 रुपये से अधिक न हो। सरकार ऐसे परिवार को 30,000 रुपये की एकमुश्त सहायता राशि देती है।